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मन बावरा
Hindi
स्वार्थ भावना मन धृणा बीज
Quotes
परस्पर स्वार्थ की भावना ही मन में धृणा की बीज बोती है । -© ...
स्वार्थ के व्यवहार में भावनाओं का यह व्यापार है , यहां तोल-म ...
परस्पर की धृणा ही हिंसा को भड़काती है । -© Shekhar Kharadi
उदासी वह पौधा है जिसके बीज हम स्वयं बोते हैं।
माटी के बीज जो बोएगा वही पाएगा।। कंचन सिंगला
कहानी कभी उड़ते हुए बीज़ की तरह मन मस्तिष्क में आ गिरती है और ...
जब धृणा प्रतिशोध का जन्म लेती है , तब अड़चनों का पहाड़ खड़ा ...
स्वार्थ के बग़ैर की गयी मुलाकातें लंबे अरसे तक टिक पाती हैं ...
माँ जिसके अन्दर न जाने कितनी ही असीमित भावनाओं का भंडार है , ...
जब स्वतंत्रता स्वार्थ सिद्ध हो जाए तो वह सार्थक नहीं होती। न ...
स्वार्थ साधने के लिए लोग रूप, बोली सब बदल लेते हैं I अतः सा ...
मन बावरा उड़ता फिरा गली गली भटका कहीं न मिला उसको बसेरा अमि ...
मन के बिखराव से कुछ सिमट नहीं पाता है ! लम्हे, रातें, रिश्त ...
होते हैं अच्छे बुरे बीज दोनों ही मन में हम पर है कि किसे खा ...
बोया जाता बीज है जिसका भी, फसल देती उस की ही है कुदरत नम्रता ...
मन पवित्र हो तो जीवन भी पवित्र हो जाता है I नहीं तो कोई कर् ...
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